Wednesday, January 19, 2011

तेरे इश्क़ ने मुझे कुछ इस कदर तोड़ दिया, की मैं खुद के टुकड़े भी गिन नही पाता,
फिर भी तुझसे कुछ आशा, उम्मीद भी है बाकी,
जो बाकी था वो रह जाता अगर मैं दिल नही पाता… ||