The Beginner
Wednesday, June 29, 2011
खुदा याद नही
ज़िंदगी क़ैद में गुज़र रही हो जैसे...
जाने किस जुर्म की पाई है सज़ा याद नही |
हर इक साँस पे "यार" का सजदा किया है......
कौन कहता है की बंदे को खुदा याद नही ||
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