Monday, November 22, 2010

in contunation to...koi deewana kehta hai..

मेरी चाहत नही तुम के चाह कर तुमको भुला दूँगा, मेरी मन्नत हो तुम ये फ़ैसला रब को सुना दूँगा|
मेरी पेशानियों पे भी हरफ़ है तेरे सद्को का, इबादत का शबाब हो तुम, तुम्हे खुद में मिला दूँगा ||

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