Saturday, July 13, 2013

दुआ... "मेरे" लिए



मैं जैसा हूँ...मैं जिस में हूँ... मुझे वैसे ही रहने दे...|

मेरी हर बात को.... भूला सा... इक  किस्सा ही रहने दे...||



मेरे हिस्से में अब तक जो..... समंदर थे, वो सूखे थे...|

मैं प्यासा था... इक अरसे से... मुझे दरिया में बहने दे...||



मिलेगा वक़्त शायद फिर नही, ये ज़िक्र करने का...|

मेरे दिल में दुआ... "मेरे" लिए... जो है वो कहने दे...||



मेरे मौला, गुनाहों की सज़ा कुछ ऐसी दे मुझको...|

मुझे तनहाईयाँ भी दे.. और ज़िंदा भी रहने दे.....||

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