मैं जैसा हूँ...मैं जिस में हूँ... मुझे वैसे ही रहने दे...|
मेरी हर बात को.... भूला सा... इक किस्सा ही रहने दे...||
मेरे हिस्से में अब तक जो..... समंदर थे, वो सूखे थे...|
मैं प्यासा था... इक अरसे से... मुझे दरिया में बहने दे...||
मिलेगा वक़्त शायद फिर नही, ये ज़िक्र करने का...|
मेरे दिल में दुआ... "मेरे" लिए... जो है वो कहने दे...||
मेरे मौला, गुनाहों की सज़ा कुछ ऐसी दे मुझको...|
मुझे तनहाईयाँ भी दे.. और ज़िंदा भी रहने दे.....||
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